लंदन। अमेरिकी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में मानव हृदय विकसित कर रहे हैं। उनका दावा है कि कुछ ही सप्ताह में ये कृत्रिम हृदय धड़कना भी शुरू कर देंगे। इस प्रयोग ने लाखों हृदयरोगियों के लिए उम्मीद की किरण जगा दी है।ये कृत्रिम हृदय मिनिसोटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तैयार किए हैं। उनका कहना है कि यह सफलता भविष्य में कृत्रिम लिवर, फेफड़े और किडनी के निर्माण के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इन कृत्रिम हृदय का निर्माण मृतक व्यक्तियों के अंगों की मांसपेशियों से किया गया है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही वे किसी मरीज की जरूरत पर उसके स्टेम सेल से भी हृदय तैयार कर सकेंगे।स्थानीय अखबार 'डेली मेल' में इस प्रोजेक्ट से जुड़े चिकित्सा विज्ञानी डोरिस टेलर के हवाले से कहा गया है, 'दिल [हृदय] बन रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में उनमें धड़कने के संकेत भी दिखने लगेंगे। सुचारू रूप से काम करने लायक कृत्रिम हृदय तैयार करने के रास्ते में अभी कई बाधाएं हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि प्रत्यारोपण के लिए शरीर के सभी अंगों का निर्माण संभव है।'सामान्य हृदय प्रत्यारोपण में मरीजों को ताउम्र दवाएं खानी पड़ती हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और किडनी संबंधी रोगों का खतरा भी बना रहता है। लेकिन, मरीज के स्टेम सेल से तैयार नए हृदय में इन खतरों को कम किया जा सकेगा। टेलर की टीम चूहों और सूअरों में कृत्रिम हृदय प्रत्यारोपित कर चुकी है, और उनके अच्छे परिणाम मिले हैं।
0 comments:
Post a Comment