Sunday, May 27, 2012

प्रदर्शन ऐसा कि जिसने भी देखा... बस देखता रह गया!

फीमेन ग्रुप न्यूड प्रदर्शन के लिए जाना जाता हैं। फीमेन समूह की स्थापना 2008 में यूक्रेन में हुई थी। इस संगठन से जुडे कार्यकर्ता इससे पहले भी महिलाओं से जुडे विभिन्न मुद्दों पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन करते रहे हैं। यह समूह यूक्रेन में बढ रहे सेक्स पर्यटन के खिलाफ भी समय-समय पर आवाज उठाता आया है। उल्लेखनीय है कि फीमेन ग्रुप इस तरह के प्रदर्शन आए दिन करता रहता है। पूर्व में इस संगठन की महिलाओं ने ने भारत की वीजा नीति के विरोध में यूक्रेन की जमा देने वाली ठंड में टॉपलेस प्रदर्शन किया था।




 हाल ही में वीएना में फीमेन की दो कार्यकर्ताओं ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान सबके सामने अपने कपडे उतार दिए।


रूस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति चुनाव में यूनाइटेड रशिया पार्टी के उम्मीदवार व्लादिमीर पुतिन जैसे ही अपना मत देकर मतदान केन्द्र से बाहर निकले वैसे ही उनके शासन से खिन्न अर्द्धनग्न महिला प्रदर्शनकारियों ने मतदान केन्द्र पर धावा बोल दिया।

महिला प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही मतदान केन्द्र में अपने ओवरकोट उतारकर पुतिन विरोधी नारे लगाने शुरु किए, वैसे ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए और प्रदर्शनकारियों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। उनका विरोध नोट के बदले वोट के लिए था।


इन कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन किया था। दरअसल भारत सरकार ने यूक्रेन से आने वाली 14 से 40 साल की उम्र की महिलाओं के भारत में प्रवेश पर रोक की भी बात कही थी। भारत सरकार का कहना था कि बड़ी संख्या में इस उम्र की महिलाएं देह व्यापार करने के लिये भारत आ रही है।

इसी सिलसिले में यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय राजदूत के आवास पर फीमेन समूह की महिलाओं ने अर्धनग्न हो कर प्रदर्शन किया था। शून्य से चार डिग्री सेल्सियस कम तापमान में भी टॉपलेस होकर राजदूत के घर की गैलरी में खड़े होकर प्रदर्शन करने वाली इन महिलाओं ने भारतीय झंडे को फाड़ते हुये विरोध प्रदर्शन कर लिया था। महिलाओं ने हाथों में पोस्टर ले रखा था, जिसमें लिखा था कि यूक्रेन कोई वेश्यालय नहीं है।


 इसी तरह से इस समूह ने विरोध करने का ये अनोखा तरीका खोजा है। देखिए फीमेन कार्यकर्ताओं की तस्वीरें।

 

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