Monday, February 21, 2011

ब्रिटेन में 'कामसूत्र' का जलवा !!


कामसूत्र पर भारतीय लेखक ए एन डी हाक्सर द्वारा लिखी गई पुस्तक का अनुवादित संस्करण ब्रिटेन के लोगों को खूब भा रहा है। पेंगुइन प्रकाशन की इस पुस्तक का शीर्षक कामसूत्र: द आर्ट ऑफ प्लेजर है। इसमें आज के पुरूषों और महिलाओं के बारे में बताया गया है।अखबार द गार्डियन में छपे लेख में कहा गया है कि ए एन डी हक्सर की ओर से एक रोचक और अद्भुत अनुवाद किया गया है। इसके लिए इस लेखक का धन्यवाद किया जाना चाहिए। डेल मेल के अनुसार यह एक बेहतरीन अनुवादित पुस्तक है, जिसमें यौन जीवन के बारे में बताया गया है।लेखक का कहना है कि अठारह सौ वर्ष पुराने ग्रंथ ‘कामसूत्र’ के नए संस्करण में पुरुष और महिला के बीच के यौन संबंधों और सामाजिक रिश्तों के बारे में है। इसे आधुनिक जीवन शैली को ध्‍यान में रखकर लिखा गया है। इस किताब का प्रकाशन पेंग्युइन कंपनी फरवरी में करेगी।
उन्होंने कहा कि कामसूत्र का नये तरीके से किया गया अनुवाद इस 1,800 वर्ष पुराने ग्रंथ को पाठकों की सूची में फिर से शामिल कर देगा। अगर इस किताब को ईमानदारी से पढ़ा जाए, तो आपको मालूम चलेगा कि यह पुरुषों और महिलाओं के बीच के यौन और सामाजिक संबंधों के बारे में है।इस ग्रंथ में सिर्फ यौन संबंधों का जिक्र नहीं है बल्कि इसमें सामाजिक रिश्‍तों पर भी चर्चा की गई है। मूल कामसूत्र में कोई चित्र या ग्राफिक्स नहीं है।. उसमें सिर्फ शब्द हैं। हक्सर का कहना है कि वात्स्यायन ने इस ग्रंथ के जरिये पूर्ण एकाग्रचित्त के साथ जीवन जीने के बारे में बताया। यह सही भी है और इसमें कोई मजाक नहीं है।हक्सर की ‘कामसूत्र: ए गाइड टू द आर्ट ऑफ प्लेजर’ कोई मिथक तोड़ने के लिए नहीं नहीं लिखा गया है। इसे लिखने में दो साल से भी ज्‍यादा समय लगा है। काफी गहन अध्‍ययन के बाद इसे आज के अंग्रेजी पाठकों के समक्ष संस्कृत साहित्य के उन पहलुओं को रखा जा सके जिनके बारे में उन्‍हें अब तक जानकारी नहीं है।

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