Monday, December 20, 2010

बर्फ में जम गई क्रिसमस की मस्ती


लंदन।। यूरोप में भारी बर्फबारी के कारण विमान सेवाएं करीब-करीब ठप हैं और हर जगह बर्फ की मोटी चादर बिछी होने से क्रिसमस के इस बिजी मौसम में सैकड़ों यात्री हवाईअड्डों पर फंसे हैं। ब्रिटेन के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट हीथ्रो पर सभी डोमेस्टिक फ्लाइट्स की टेकऑफ और लैंडिंग कैंसल कर दी गई। भारी बर्फबारी के कारण जर्मनी के फ्रैंकफुर्त एयरपोर्ट पर रविवार शाम भी 700 से ज्यादा फ्लाइटें टेकऑफ नहीं कर पाईं। अधिकारियों का कहना है कि रातभर जारी बर्फबारी के कारण अभी स्थिति में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। कुछ जगहों पर हुई 20 सेंटीमीटर तक बर्फबारी के कारण समस्याएं बढ़ने का डर है। इस कारण एयरपोर्ट पर यात्रियों के और समय तक रुकने की तैयारी की जा रही है। काफी स्टाफ रनवे और विमानों से बर्फ हटाने में जुटा है पर बावजूद इसके अन्य यूरोपीय एयरपोर्ट पर उड़ानों में देरी और उन्हें रद्द करने से इसका असर फ्रैंकफुर्त एयरपोर्ट पर भी पड़ रहा है। यहां करीब 3,000 से ज्यादा यात्री फंसे हैं। यूरोप के कई बिजी एयरपोर्ट जैसे कि लंदन हीथ्रो पर रविवार को ही विमानों को आने से मना कर दिया गया था। इसी तरह लंदन के गाटविक हवाई अड्डे पर भी उड़ानों में देरी और उनके रद्द होने से कई यात्रियों को हवाई अड्डे पर रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा। पैरिस के चार्ल्स द गॉले और ओरले हवाई अड्डों पर 40 पर्सेंट से ज्यादा उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर मंगलवार तक हवाई अड्डे पर स्थिति सामान्य हो भी जाती है तो भी पिछले कुछ दिनों में इकट्ठा हुए यात्रियों को जाने में कई दिन लगेंगे। जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा ने घरेलू और यूरोपीय उड़ानों का इमरजेंसी प्लान शुरू किया है।रोज एक अरब पाउंड्स का घाटा-क्रिसमस के मौके पर जमी बर्फ की चादर ने यूरोप में रिटेल बिजनेस को भी ढक दिया है। कड़ाके की ठंड की वजह से लाखों वर्कर और दुकानदार घरों में बैठने को मजबूर हैं। द रॉयल सन अलायंस के मुताबिक ब्रिटेन की इकॉनमी को एक अरब पाउंड यानी करीब 70 अरब रुपये से ज्यादा का रोजाना के हिसाब से घाटा उठाना पड़ रहा है। इसकी मार रिटेलर्स के अलावा, रेस्तरां मालिकों, बार ओनर्स पर सबसे ज्यादा पड़ रही है। आईएचएस ग्लोबल के इकॉनमिस्ट बताते हैं कि कई कंपनियां अपने यहां क्रिसमस की छुट्टियां कैंसल कर क्रिसमस से न्यू इयर के बीच के टाइम में ऑफिस खोलने का प्लान बना रही हैं, ताकि घाटे की कुछ भरपाई हो सके।

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